Detailed Notes on bhairav kavach

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सिद्धिं ददाति सा तुष्टा कृत्वा कवचमुत्तमम् ।

ॐ ह्रीं पादौ महाकालः पातु वीरासनो हृदि ॥ १३॥

बटुकाय महेशानि स्तम्भने परिकीर्तितम् ।





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।। इति बटुक भैरव तन्त्रोक्तं भैरवकवचम् ।।



पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः



कार्य पर विजय प्राप्त करने के लिए संसार में इससें बड़ा कोई कवच नही है।

ವಾಮದೇವೋಽವತು ಪ್ರೀತೋ ರಣೇ ಘೋರೇ check here ತಥಾವತು

संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥

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